काल सर्प दोष की शांति हेतु विशेष पूजा जिसमें राहु-केतु दोष की शांति, कुंडली विश्लेषण और नाग पूजन किया जाता है। यह पूजा उज्जैन के पवित्र तीर्थों में की जाती है।
काल सर्प दोष की शांति हेतु विशेष पूजा जिसमें राहु-केतु दोष की शांति, कुंडली विश्लेषण और नाग पूजन किया जाता है। यह पूजा उज्जैन के पवित्र तीर्थों में की जाती है।
मंगल दोष से पीड़ित जातकों के लिए कुंडली अनुसार उचित पूजा विधि, जिससे विवाह, दांपत्य जीवन और क्रोध संबंधी समस्याओं में सुधार आता है।
पूर्वजों के ऋण और अधूरी इच्छाओं के कारण उत्पन्न दोष को शांत करने के लिए पिंड दान, तर्पण और विशेष श्राद्ध विधियों का आयोजन।
शनि, राहु, केतु, गुरु आदि ग्रहों के कुप्रभाव को शांत करने हेतु नवग्रह शांति, बीज मंत्र जाप और हवन द्वारा उपाय।
मंगल दोष, नाड़ी दोष या अन्य विवाह बाधाओं को समाप्त करने हेतु प्रतीकात्मक विवाह संस्कार जो विवाह में देरी या विघ्न को दूर करता है।
दीर्घायु, रोग नाश और मानसिक शांति हेतु महामृत्युंजय मंत्र का जाप व रुद्राभिषेक — यह पूजा विशेष रूप से शिव मंदिरों में की जाती है।
बुरी नजर, ऊर्जा में बाधा और अकस्मात समस्याओं को दूर करने हेतु विशेष तांत्रिक पूजा और रक्षा सूत्र विधान।
जन्म कुंडली के माध्यम से दोषों की पहचान, उपाय एवं शुभ समय के चयन हेतु व्यक्तिगत ज्योतिषीय सलाह।